Karva Chauth करवा चौथ क्या है ? करवा चौथ पे बाते इन पे रखे ध्यान ?

करवा चौथ क्या है ?

करवा चौथ एक हिन्दू त्योहार है जो सामाजिक समृद्धि, सुख, और पति की दीर्घायु की कामना के साथ मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से पत्नी द्वारा पति की लंबी और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व नवमी तिथि को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है। इस दिन पत्नियाँ उपवास रखती हैं और सूर्यास्त के बाद चांद की पूजा करती हैं। पति की दीर्घायु की कामना के साथ व्रत को खोलती हैं।

करवा चौथ के दिन इन बातों का ध्यान रखा जा सकता है:

  1. उपवास (व्रत): पत्नियाँ करवा चौथ के दिन उपवास रखती हैं, जिसमें वे बिना पानी और बिना खाने रहती हैं। यह उपवास सूर्यास्त के बाद समाप्त किया जाता है।
  2. व्रत की पूजा: पत्नियाँ चांद की पूजा करती हैं और फिर पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
  3. महिलाएँ साज-सज्जा में: कई महिलाएँ इस विशेष दिन को साज-सज्जा में गुजारना पसंद करती हैं। वे सुंदर साड़ी पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और खास तरीके से सज-धज करती हैं।
  4. अर्घ्य (अनुग्रह का विनंति प्रदान करना): उपवास के बाद, पत्नी अपने पति के सामने जाकर अर्घ्य प्रदान करती हैं, जिसमें पानी, चांदनी, कुमकुम, फूल, और चावल शामिल होते हैं। इसके साथ ही पत्नी अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
  5. साथ में पूजा: इस व्रत को पति-पत्नी मिलकर सम्पूर्ण भक्ति और श्रद्धा से मनाते हैं। पूजा के दौरान विशेष रूप से व्रत कथा सुनी जाती है।
  6. दूर्वेला (चांद): करवा चौथ पर चांद की पूजा की जाती है। पत्नी चांद को देखकर उसकी पूजा करती है और फिर पति की ओर मुख करके दूर्वेला मंत्र का जाप करती हैं।

ध्यान रखें कि यह व्रत अन्य सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ भी जुड़ा हुआ है, इसलिए यह आपके परिवार में खुशियों और समृद्धि का संकेत माना जाता है।

करवा चौथ 2023

करवा चौथ के दिन व्रत कब खोले ?

करवा चौथ के दिन व्रत को सूर्यास्त के बाद खोला जाता है। जब सूर्य संध्या के समय पास होता है, तब व्रत का खुलना संपन्न किया जाता है। संध्या का समय जगह के और तिथि के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, इसलिए स्थानीय समय और पंचांग के अनुसार समय की जांच करें ताकि आप व्रत सही समय पर खोल सकें।

करवा चौथ पर आप क्या खा सकते हैं?

करवा चौथ के दिन उपवास रखा जाता है, जिसमें पत्नियाँ बिना पानी और बिना खाने रहती हैं। वे सूर्यास्त के बाद से लेकर चांद की पूजा के बाद तक उपवास रखती हैं। उपवास के दौरान व्रत की पूजा करती हैं और पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। उपवास के दौरान निम्नलिखित चीजें नहीं खानी चाहिए:

  1. खाना और पीना: उपवास के दौरान भोजन या पानी नहीं पीना चाहिए।
  2. मेवा: ड्राई फ्रूट्स और मेवे भी उपवास के दौरान नहीं खाए जाते।
  3. नमकीन और मसालेदार खाद्य पदार्थ: नमक, मसाले, चाटनी, पिकल्स, आदि जैसे नमकीन और मसालेदार खाद्य पदार्थ भी उपवास में नहीं खाए जाते।
  4. आलू, प्याज, लहसुन: इन सब्जियों का सेवन भी नहीं किया जाता उपवास के दिन।

करवा चौथ के दिन उपवास में रहते हुए व्रत की पूजा और अर्घ्य करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उपवास को चांद की पूजा के बाद पत्नी अपने पति के सामने जाकर अर्घ्य प्रदान करती हैं और फिर उपवास को खोलती हैं

Karva Chauth

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